ASI सर्वे रिपोर्ट की 10 बड़ी बातें, जो इशारा करती हैं कि ज्ञानवापी पहले बड़ा हिंदू मंदिर था
वाराणसी जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट को पक्षकारों को सौंप दी। रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी में मस्जिद की वर्तमान संरचना के निर्माण से पहले बड़ा हिन्दू मंदिर था।
- काशी में ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे पक्षकारों को सौंप दी गई है
- रिपोर्ट मिलने के बाद हिन्दू पक्ष ने वहां पूजा-पाठ की अनुमति मांगी है
- मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वे कानूनी लड़ाई को और आगे ले जाएंगे
2. 17वीं शताब्दी में मंदिर को तोड़कर उसके हिस्से को मस्जिद में समाहित किया गया।
3. मस्जिद के निर्माण में मंदिर के खंभों के साथ ही अन्य हिस्सों का बिना ज्यादा बदलाव किए इस्तेमाल किया गया।
4. कुछ खंभों से हिन्दू चिह्नों को मिटाया गया है।
5. मस्जिद की पश्चिमी दीवार पूरी तरह हिन्दू मंदिर का हिस्सा है।
6. सर्वे में 32 शिलापट और पत्थर मिले हैं, जो वहां पहले हिन्दू मंदिर होने के साक्ष्य हैं।
7. शिलापटों पर देवनागरी, तेलुगु और कन्नड में आलेख लिखे हैं।
8. एक शिलापट में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर लिखा है, जबकि एक अन्य शिलापट में ‘महामुक्ति मंडप’ लिखा है।
9. मस्जिद के कई हिस्से में मंदिर के स्ट्रक्चर मिले हैं।
10. मस्जिद के निर्माण संबंधी एक शिलापट पर अंकित समय को मिटाने का प्रयास किया गया है।
हिंदू पक्ष की मांग, पूजा का मिले अधिकार
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि 839 पेज की रिपोर्ट में वजूखाने को छोड़कर हर कोने का एक-एक ब्योरा एएसआई ने लिखा है। रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। इसलिए अब हिन्दुओं को वहां पूजा-पाठ की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मस्जिद परिसर के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति का भी एएसआई सर्वे होने पर साफ हो जाएगा कि आकृति शिवलिंग ही है और इसके साथ ही कई अन्य ऐसे साक्ष्य मिलेंगे जो हिन्दू पक्ष के दावे को और मजबूत करेंगे।
सर्वे रिपोर्ट के लिए 11 आवेदन
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वाराणसी जिला अदालत में जमा की गई ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट की कॉपी के लिए गुरुवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से कुल 11 लोगों ने आवेदन किए हैं। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि वाराणसी के जिला जज ए.के. विश्वेश ने बुधवार को मुकदमे के पक्षकारों को सर्वे की कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। सर्वे रिपोर्ट के लिए गुरुवार दोपहर तक दोनों पक्षों के कुल 11 लोगों ने आवेदन किए हैं। पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी गुरुवार तक न मिल पाई तो सोमवार को अदालत खुलने के बाद मिलेगी।हिंदू याचिकाकर्ताओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में दावा किया था कि 17वीं सदी की इस मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था। इसके बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था। ASI ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंप दी थी।