श्रृंग्वेरपुर में निषादराज किले की हटेगी मस्जिद : कैबिनेट मंत्री संजय निषाद
विधान परिषद में बोले कैबिनेट मंत्री संजय निषाद राम का ख़त्म हुआ वनवास और निषादराज का लौटेगा सम्राज्य।
विधान परिषद में बजट चर्चा के दौरान, निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान राम के साथ ही निषादराज का भी एक मंदिर बन रहा है। अब उनकी मांग है कि श्रृंगवेरपुर में स्थित निषादराज के किले के पास स्थित मस्जिद को हटा दिया जाए। निषाद समाज को रोजगार से जोड़ा जाएगा
निषादराज किले में भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया था, लेकिन वहां तत्कालीन शासकों ने जबरन मस्जिद बनाया।अवैध तरीके से बनाई गई मस्जिद को हटाया जाना चाहिए. इसके लिए वह कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष करेंगे. किले से मस्जिद को हटाने के लिए पूरा मछुआ समाज एकजुट है.निषादराज गुह मछुआरों और नाविकों के राजा थे. वे शृंगवेरपुर में राज्य करते थे. जब प्रभु राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास पर जा रहे थे. तब निषादराज गुह ने ही अपनी नाव से प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी को गंगा नदी पार करवाई थी. वे ही उस नाव के केवट थे. इतना ही नहीं वनवास के बाद प्रभु राम ने पहली रात निषादराज गुह के यहां ही बिताई थी. इसके लिए राजा गुह ने प्रभु राम के ठहरने और भोजन का इंतजाम किया था. शृंगवेरपुर में इंगुदी (हिंगोट) के पेड़ के नीचे बैठकर प्रभु राम ने निषादराज गुह से संवाद किया था.प्रभु राम और निषादराज गुह के मिलन के चलते शृंगवेरपुर धाम बहुत मशहूर है. यहीं पर निषादराज गुह का किला है. पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रभु श्रीराम ने निषादराज को वचन दिया था कि वे वनवास से वापस लौटते समय भी उनसे मिलेंगे. साथ ही प्रभु राम ने निषादराज को गले लगाते हुए उन्हें अपना मित्र कहा था. प्रभु राम ने अपना वचन निभाया और जब वे वनवास से लौटे तो अपने मित्र निषादराज से मिले और उनके यहां भोजन भी किया था. साथ ही प्रभु राम की कृपा से निषादराज भवसागर से पार भी हुए. 1977 में शृंगवेरपुर में निषादराज किले की जब खुदाई कराई गई थी, तब वहां मस्जिद नहीं थी. लिहाजा बाद में गलत तरीके से बनाई गई इस मस्जिद को हटाना चाहिए. अब निषाद समाज को उम्मीद है कि इसे हटाकर निषादराज किले का वैभव लौटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रामचौरा घाट को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है, और निषाद समाज के लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। मछुआरों के गांव में सामुदायिक स्थल बनाने, ई-लाइब्रेरी खोलने, और दैवीय आपदा में पांच लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, एक मछुआ कल्याण कोष भी स्थापित किया गया है, जिसका शासनादेश जारी हो गया है। निषाद समाज के नेता ने आरोप लगाया है कि गैर भाजपाई सरकारों ने मुसलमानों का बोट लिया और उनकी दशा खराब की। हालांकि, अब निषाद समाज जागरूक हो गया है और भाजपा के साथ है। भाजपा ने मत्स्य विभाग बनाकर उनके कल्याण के लिए योजनाएं शुरू की हैं।
सपा, बसपा और कांग्रेस को सत्ता सपना नहीं देखना चाहिए
डॉ. निषाद ने आरोप लगाया कि सपा एवं बसपा सरकारों ने निषाद सहित 18 जातियों का हक मारा। उन्हें अनुसूचित जाति से ओबीसी में किया गया। उन्होंने कहा कि सपा अब कांग्रेस के साथ है, लेकिन लोगों को न्याय भाजपा के साथ मिल रहा है, इसलिए अब सपा, बसपा और कांग्रेस को सत्ता का सपना नहीं देखना चाहिए।